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हल्दी की खेती से दोगुना मुनाफ़ा कमाने वाला किसान

यह कहानी एक शिक्षित नौजवान किसान अतिंदरपाल सिंह की है। बरनाला जिले के ग्राम कट्टू निवासी अतिंदरपाल के पास फसल विज्ञान में मास्टर डिग्री है। अतिंदरपाल ने काम करने के बजाय कृषि में एक नया अनुभव आजमाने का फैसला किया है। अतिंदरपाल सिंह को भी पढ़ाई के बाद अमरिका में बसने का मौका मिला लेकिन उन्होंने पंजाब (भारत) में रहकर खेती करने का फैसला किया। अतिंदरपाल सिंह हल्दी की वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हैं। उनहोने 3 एकड़ से हल्दी की खेती शुरू की थी जो अब 9 एकड़ तक पहुंच गई है। अतिंदरपाल ने अपने खेत में हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की है। अतिंदरपाल अपनी फसल की मार्केटिंग भी खुद करते हैं। अतिंदरपाल का कहना है कि शुरू में उन्हें अपनी हल्दी बेचने के लिए गांव-गांव जाना पड़ता था, लेकिन कुछ ही समय में उनका बाजार ऐसा हो गया कि अब उनके द्वारा तैयार की गई हल्दी खेत से ही बिक जाती है। अतिंदरपाल का दावा है कि वह किसी भी तरह की मिलावट नहीं करते हैं और उन्होंने हल्दी का रेट बाजार के हिसाब से रखा है। अतिंदरपाल पारंपरिक फसलों की तुलना में हल्दी की खेती से दोगुना लाभ कमाते हैं। अतिंदरपाल का कहना है कि कृषि एक लाभदायक व्यवसाय तभी बन सकता है जब किसान इस तरह से खेती करें कि वे खुद ही मार्केटिंग कर सकें। यदि कृषि उत्पादों का उत्पादन सही तरीके से और बाजार को ध्यान में रखकर किया जाए तो अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। अतिंदरपाल उन किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो कृषि में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं और नई चीजों को आजमाना चाहते हैं।

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