पंजाब में गेहूँ और धान की पारंपरिक खेती मुख्य रूप से की जाती है। खेती में नए प्रयोग में हमेशा असफलता का खतरा बना रहता है, यही वजह है कि ज्यादातर किसान दूसरी फसल की खेती करने से हिचकते हैं। इसके पीछे मुख्य समस्या नई फसल के बारे में पूरी जानकारी का न होना और मार्केटिंग का अभाव है। लेकिन ऐसे किसान भी हैं जो इस स्थिति में भी खेती में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं मुक्तसर जिले के कउनि गांव निवासी जसकरण सिंह। जसकरण सिंह पिछले 12 वर्षों से सफलतापूर्वक स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। जसकरण सिंह ने एक एकड़ से स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी जो अब सात एकड़ तक पहुंच गई है। जसकरण सिंह के मुताबिक अगर किसान के पास सही किस्म का पौधा, बीजने का सही तरीका और बाजार की अच्छी जानकारी हो तो किसान स्ट्रॉबेरी की खेती से ढाई से तीन लाख रुपये प्रति एकड़ कमा सकता है। इसके अलावा किसान इसी खेत में इस फसल के साथ-साथ अन्य सब्जियों की खेती करके भी अतिरिक्त कमाई कर सकता है। जसकरण सिंह के मुताबिक, कई किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती में प्रयोग किए हैं लेकिन उनमें सफलता की दर बहुत कम है। इसके कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण किसान के लिए मंडीकरण का जोखिम है क्योंकि इस फसल के लिए सरकार द्वारा कोई एमएसपी नहीं दिया जाता है। दूसरा, किसान बिना पूरी जानकारी के इसकी खेती करना शुरू कर देते हैं, जिससे बाद में नुकसान होता है। तीसरा, खेती की लागत अधिक होती है। इसके अलावा और भी कई चीजें हैं जिन पर किसान ध्यान दिए बिना खेती करना शुरू कर देते हैं। अगर इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाए तो स्ट्रॉबेरी की खेती बहुत लाभदायक होती है। अगर, “मैं अपने बारे में बात करूं तो मैं इस खेती से गेहूं और धान की तुलना में तीन गुना अधिक लाभ कमा रहा हूं और अन्य लोगों को रोजगार भी दे रहा हूं।”
स्ट्रॉबेरी की खेती से तीन गुना मुनाफा कमाने वाला किसान
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