जसविंदर सिंह एक उद्यमी किसान हैं। लगभग दस साल पहले जसविंदर सिंह और उनके परिवार ने पारंपरिक गेहूं और धान की खेती भी की थी। नए अनुभवों की इच्छा ने जसविंदर सिंह को एक नर्सरी विकसित करने के लिए प्रेरित किया। जसविंदर सिंह ने एक दो कनाल से सब्जी की नर्सरी शुरू की थी, लेकिन लोगों की प्रतिक्रिया देखकर उन्होंने धीरे-धीरे इसका रकबा बढ़ाना शुरू कर दिया। अब इनकी नर्सरी 8 एकड़ में फैली हुई है। जसविंदर सिंह ने अपने खेत में एक दुकान खोली है जहां से लोग अपने घर के बगीचों और खेतों में लगाने के लिए सब्जी की पनीरी और बीज खरीदते हैं।
जसविंदर सिंह बताते हैं, “कई साल पहले मैंने एक प्याज की नर्सरी के बारे में एक वीडियो देखा था। मुझे इसमें दिलचस्पी हो गई। मैंने कई किसानों से संपर्क किया जो पहले से ही इस व्यवसाय में शामिल थे। फिर मैं कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के मेलों में जाने लगा। वहां से जानकारी मिलने के बाद मैंने प्याज के खेत में काम करना शुरू किया। अब मैं अपने खेत से आलू, प्याज और बीज के साथ-साथ सब्जियां भी बेचता हूं। अगर आय की बात करें तो मैं गेहूं-धान की खेती से पांच गुना अधिक मुनाफा कमा रहा हूं, लेकिन इसमें मेहनत भी सामान्य खेती से कहीं ज्यादा है। गर्मी, सर्दी और बारिश से बच्चों की तरह सब्जी के बगीचे की भी देखभाल करनी पड़ती है। यह काम कोई भी किसान कर सकता है जो मेहनत करने को तैयार हो। पूरी जानकारी के साथ एक छोटे से एरिए से काम शुरू किया जा सकता है।
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